Priyanka06

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लेखनी प्रतियोगिता -07-Feb-2023 रिश्तेदारों का जादू


शीर्षक-रिश्तेदारों का जादू
रिश्तेदार जब आते हमारे आंगन,
चहक जाता हमारा प्रांगण।
रिश्तेदारों से मिलती खुशियां,
उन्हीं से बस्ती है दुनिया ।।

रिश्तेदार आंगन की वो फुलवारी,
जिस से बनती दुनियादारी,
ये सुख दुख के बनते साथी,
जीवन होता इनसे मदमाती।

रवि की तरह होते रिश्तेदार,
शशि की तरह होते चमकदार।
लगाते रिश्तो में चार चांद,
रिश्तो का पहरते ताज।।

रिश्तो की डोर को रखे बांधकर,
होती बड़ी नाजुक रखो संभाल कर।
मैं करना रिश्तो में विश्वासघात,
रिश्तो में निभाते जिंदगी का साथ।

रिश्तो को कभी ना मुरझाने  देना,
प्यार की बातों से सींचते रहना।
दुःख के कांटों को हटाते रहना,
सुख छाया को बनाते रहना।

यही है रिश्तेदार बनाने का मूल मंत्र,
जो रिश्ते निभाने का है जादू तंत्र।
हमेशा फैलाते रहे रिश्तो का इत्र,
रिश्तेदारों से बना रहे अटूट बंधन।

लेखिका
प्रियंका भूतड़ा


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7 Comments

Gunjan Kamal

08-Feb-2023 09:16 PM

बहुत खूब

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Punam verma

08-Feb-2023 09:05 AM

Very nice

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सुन्दर सृजन और अभिव्यक्ति बेहतरीन

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